देखता हूँ, सुनता हूँ, लिखता हूँ,
हर पल, अपने ही लफ़्ज़ों से कुछ नया सीखता हूँ |
जब जब लिखा हुआ पढ़ा है सोचता हूँ, क्या ये मैंने ही कहा है ?
क्यूँ ज़िन्दगी इतनी मुश्किल है,
जीने के लिए चाहिए ही क्या है ?
ज़रूरत तो बस,
थोरी सी हवा है |
ज़िन्दगी की वजह ढूंढते हैं हम,
जीना भी तो एक वजह है |
पाने की दौड़ में ज़िन्दगी गुजर जाती है,
फिर भी सवाल रहता है,
क्या हमने जिया है ?
छुट जाने दो आज जो छुटता है,
कल फिर वोह वापस आएगा |
पर जो आज छुट गया,
तो आज फिर कहाँ कल आएगा |
कल की आस में आज गुजार रहे हो,
आज भी तो है तुम्हारा |
सोच लो एक बार गुज़र गई ये जो,
तो ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा |
कल फिर वोह वापस आएगा |
पर जो आज छुट गया,
तो आज फिर कहाँ कल आएगा |
कल की आस में आज गुजार रहे हो,
आज भी तो है तुम्हारा |
सोच लो एक बार गुज़र गई ये जो,
तो ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा |